मेरा मुल्क मेरा वतन गुलसितां था
वो पिछले दिनों था बदला हुआ सा
यहाँ राम भी थे
अयोध्या बसा था
ये बंजर बियाबां
ये किसका गुमां था
ये नानक की भूमि
यशोदा की बेटी
खड़ी बीच चकले
सदाएं हैं देती
ये गांधी के शव हैं
ये बिस्मिल की लाशें
मरे सारे इकबाल
किसको तलाशें
मेरा मुल्क मेरा वतन हिन्दोस्तां
बचा लो इसे ये तुम्हारा गुलसितां
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